SK. GOLAM LALCHAND V/s NANDU LAL SHAW @ NAND LAL KESHRI @ NANDU LAL BAYES & ORS.

A party should not claim relief of cancellation of sale deed if he is not party to it. Mere declaration that deed is void against the plaintiff is an appropriate relief.SC. Section 31 of theSpecific Relief Act, 1963 uses the word ‘may’ for gettingdeclared the instrument as void which is not imperativein every case, more …

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Shrey gupta v/s State Of U.P.

दुष्कर्म का अपराध—विवाह का झूठा वादा—49 वर्षीय शिकायतकर्ता ने एक लंबे समय तक चले सहमति से अवैध संबंध के आरोप में Enjoy के खिलाफ एफ०आई०आर० दर्ज कराई—शिकायतकर्ता, जिसके दो वयस्क पुत्र थे और पति जीवित था, ने 12-13 वर्षों तक आरोपी से संबंध बनाए रखा—न्यायालय ने शुरू से ही विवाह के झूठे वादे या धोखाधड़ी …

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BNSS मे 24 घंटे से संबंधित प्रावधान…

BNSS मे 24 घंटे से संबंधित प्रावधान। ▪️धारा 58 गिरफ्तार किये गए व्यक्ति का 24 घंटे से अधिक निरूद्ध न रखना। ▪️धारा 78 का परंतुक – गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर नयायालय के समक्ष लाया जायेगा (यात्रा के समय को छोड़कर) ▪️धारा 170(2) यदि किसी व्यक्ति को संज्ञेय अपराध करने से …

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Rajeev Gupta vs. Swatantrata Sangram Senani Ashrit Sangathan and Ors.

Cancellation of decree. A person not party to decree can file independent suit to get the decree set aside or to say that decree not binding upon him or setting aside or declaring the same void A suit by a stranger to decree to set aside the compromise decree, which affects his rights is not …

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Subash v/s State Of West Bengal.. NI Act, 1881…

चेक बाउंस—कंपनी द्वारा अपराध—कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया गया और केवल निदेशक को पक्षकार बनाया गया—कंपनी को कोई डिमांड नोटिस नहीं दिया गया और कंपनी को शिकायत में अभियुक्त नहीं बनाया गया—हालांकि, कंपनी को शिकायत में संशोधन करके पक्षकार बनाया जा सकता है—लेकिन डिमांड नोटिस एन.आई. एक्ट के तहत अभियोजन के लिए अनिवार्य शर्त है, …

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DINESH GOYAL @ PAPPU V/S SUMAN AGARWAL (BINDAL), 2024 Referring to Life Insurance Corporation of India v. Sanjeev Builders Pvt. Ltd. & Anr 2022 and other precedents, culled out certain principles : (b) The amendment does not raise a time-barred claim, resulting in the divesting of the other side of a valuable accrued right (in …

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Sushil kumar Jain v/s State of U.P.

धारा 143-ए, पराक्रम्य लिखित अधिनियम, के अंतर्गत अन्तरिम-प्रतिकर का प्रार्थना-पत्र धारा 251,दं०प्र०सं० के अंतर्गत आरोपी के बयान दर्ज किए जाने से पूर्व दायर नहीं किया जा सकता—आरोपी द्वारा बेल लेते समय उसे बेल दिए जाने की शर्त के रूप में 20% धनराशि जमा करने के लिए नहीं कहा जा सकता है।