क़ुरान वैवाहिक विवादों में महिलाओं के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार का आदेश देता है—एक मुस्लिम महिला क़ाज़ी या जज के सामने मुकदमा दाखिल कर सकती है— मुबारत (आपसी सहमति से तलाक) के मामले में, पारिवारिक न्यायालय आपसी सहमति पर तलाक की घोषणा कर सकता है—फैमिली कोर्ट्स एक्ट की धारा 7 के तहत, अदालत द्वारा वैवाहिक स्थिति की घोषणा extra-judicial तलाकों की न्यायिक पुष्टि की भाँति कार्य करती है।


Thank you very much for the information you have provided. Your legal information is very important for those who practice law. Thank you.