Legal Facts…उच्च न्यायलय की एक बेंच दूसरी बेंच द्वारा दी गई जमानत रद्द को नहीं कर सकती: सुप्रीम कोर्ट…

उच्च न्यायलय की एक बेंच दूसरी बेंच द्वारा दी गई जमानत रद्द को नहीं कर सकती:

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि उच्च न्यायलय के एकल जज द्वारा उसी उच्च न्यायालय के किसी अन्य एकल जज द्वारा आरोपी को दी गई जमानत रद्द करने में क्षेत्राधिकार का प्रयोग और वह भी आरोपों की योग्यता की जांच करके, न्यायिक अनौचित्य/अनुशासनहीनता के समान है।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने कहा, “हमारा दृढ़ मत है कि उच्च न्यायलय मध्य प्रदेश के एकल जज द्वारा उसी उच्च न्यायलय के किसी अन्य एकल जज द्वारा अपीलकर्ताओं को दी गई जमानत रद्द करने में क्षेत्राधिकार का प्रयोग किया जाएगा और वह भी योग्यता की जांच करके, ये आरोप पूरी तरह से अनावश्यक है और न्यायिक अनौचित्य/अनुशासनहीनता के समान है।”
Himanshu Sharma Vs. State of Madhya Pradesh

[Criminal Appeal No(s).__ of 2024 arising out of SLP (Crl.) No(s). 786 of 2024]

[Criminal Appeal No(s).__ of 2024 arising out of SLP (Crl.) No(s). 2032 of 2024]

February 20, 2024

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