भा०दं०वि०, 1860—धारा 302 एवं 120-बी—हत्या व आपराधिक षड्यंत्र—दोष-सिद्धि के विरुद्ध अपील—अभियोजन द्वारा जिन साक्षियों के समक्ष बरामद किए गए सामान ज़ब्त किए गए थे, उनको परीक्षित नहीं करवाया गया—यहाँ तक कि विवेचना अधिकारी ने भी ज़ब्त किए गए सामान के सीलबंद होने का साक्ष्य में कोई जिक्र नहीं किया गया—जब ज़ब्त किए जा रहे सामान को सीलबंद नहीं किया जाता है तो यह अभियोजन को संदेहास्पद बनाता है—सम्पूर्ण विचारण में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत की गई—यह पता लगाना संभव नहीं है कि ज़मीन से जिस रक्त का नमूना लिया गया वह मानव रक्त था और वह भी मृतक के ब्लड ग्रुप का—विवेचक द्वारा सिर्फ 315 बोर की पिस्टल और दो ज़िंदा कारतूस बरामद किए जाने से यह साबित नहीं होता है कि आरोपी दोषी है—साक्ष्य के दौरान बैलिस्टिक एक्सपर्ट को परीक्षित नहीं करवाया गया—दोष-सिद्धि का आदेश पोषणीय नहीं है—अभियुक्तगण को बरी किया जाता है—अपील स्वीकार।

