A Shrivastava v/s Smt. D. Khare: First Appeal No. 58/2020…

विवाह विच्छेद—क्रूरता एवं परित्याग—पति द्वारा प्रस्तुत याचिका निरस्त——दहेज की माँग एवं उत्पीड़न के झूठे आरोप—पुलिस शिकायत का अभाव—पत्नी द्वारा दहेज उत्पीड़न तथा उसे वैवाहिक गृह से जबरन निकाल देने के संबंध में लगाए गए आरोप, जिनके समर्थन में न तो कोई समकालीन पुलिस रिपोर्ट थी और न ही कोई औपचारिक शिकायत, सतही एवं असिद्ध पाए गए—ऐसे निराधार एवं मानहानिकारक आरोप, जो वैवाहिक संबंधों में मूलभूत आपसी विश्वास को नष्ट करते हैं, स्वभावतः निर्दोष जीवनसाथी के प्रति मानसिक क्रूरता का निर्माण करते हैं—पत्नी का अपने “अहंकार से प्रेरित” होकर स्वेच्छा से वैवाहिक गृह छोड़ देना तथा यह अनुचित आग्रह करना कि पति स्वयं उसे वापस लाने का प्रयास करे, यह सिद्ध करता है कि उसने पति के साथ दाम्पत्य-संबंधों से “उचित कारण के बिना” स्वयं को पृथक कर लिया—पत्नी द्वारा इस प्रकार अनुचित रूप से घर छोड़ देने एवं झूठे आरोप लगाने के उपरांत पति का व्यवहार, जिसे “उपेक्षा पूर्ण” (cold shoulder) समझा जा सकता है, एक वैध एवं स्वाभाविक प्रतिक्रिया है और पति को इस पृथक्करण के लिए दोषमुक्त ठहराया जा सकता है—अतः पति, क्रूरता एवं परित्याग, दोनों आधारों पर विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करने का अधिकारी है—अपील स्वीकृत।

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