Chargesheet…

अब हम चालान (चार्जशीट) पेश होने के बाद की कोर्ट प्रक्रिया को नए कानून (BNSS, 2023) की धाराओं के अनुसार हिंदी में सरल शब्दों में समझते हैं:


🚨 कोर्ट में चालान (Chargesheet) पेश होने के बाद की प्रक्रिया – BNSS 2023 के अनुसार

✅ 1. पुलिस द्वारा चालान दाखिल करना – धारा 193

पुलिस जब जांच पूरी कर लेती है तो वह अभियोजन रिपोर्ट (Prosecution Report) अदालत में दाखिल करती है।

यह रिपोर्ट BNSS की धारा 193 के तहत दी जाती है (यह CrPC की पुरानी धारा 173 के स्थान पर लागू है)।


✅ 2. मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान लेना – धारा 210

मजिस्ट्रेट अभियोजन रिपोर्ट का अवलोकन करता है।

अगर रिपोर्ट में कोई संज्ञेय अपराध दर्शाया गया हो और पर्याप्त आधार हो, तो अदालत मामला स्वीकार करती है (संज्ञान लेना कहेते हैं)।


✅ 3. आरोपी को अदालत में तलब करना – धारा 227

अदालत आरोपी को समन/वारंट भेजकर बुलाती है।

आरोपी को आरोप समझाए जाते हैं।

वह जुर्म स्वीकार भी कर सकता है या इनकार कर सकता है।


✅ 4. आरोप तय करना – धारा 251, 252 या 254

अगर आरोपी इनकार करता है तो अदालत तय करती है कि उस पर कौन-कौन से आरोप (Charges) लगते हैं।

यह प्रक्रिया अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है:

👉 साधारण अपराध: मजिस्ट्रेट खुद ट्रायल करेगा।

👉 गंभीर अपराध (जैसे हत्या, बलात्कार): मामला सेशंस कोर्ट में भेजा जाएगा (धारा 232)।


✅ 5. ट्रायल की शुरुआत – साक्ष्य प्रस्तुत करना

अभियोजन पक्ष पहले अपने गवाह और सबूत प्रस्तुत करता है (धारा 264)।

उसके बाद बचाव पक्ष अपनी दलील और गवाह रखता है (धारा 267)।


✅ 6. अंतिम बहस – धारा 269

अभियोजन और बचाव दोनों अंतिम दलीलें पेश करते हैं।


✅ 7. निर्णय (Judgment) – धारा 270

न्यायालय यह तय करता है कि आरोपी दोषी है या निर्दोष।

यदि दोषी पाया गया, तो:


✅ 8. सजा निर्धारण – धारा 271

जज सजा की घोषणा करता है – जैसे कारावास, जुर्माना आदि।

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