
धारा 319, दं०प्र०सं० का उद्देश्य न्याय के प्रशासन को प्रभावी रूप से सुनिश्चित करना है, जिससे अदालतों को उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करने का अधिकार मिलता है, जो व्यक्ति चार्जशीट में अभियुक्त के रूप में नामित नहीं किए गए होते हैं, फिर भी जिनके अपराध करने की संभावना है। यह प्रावधान ऐसे मामलों को संबोधित करता है जहाँ जाँच एजेंसी या अभियोजन पक्ष द्वारा जानबूझकर या अनजाने में कुछ व्यक्तियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर नहीं कि गई है।
यह जाँच या सुनवाई के दौरान अतिरिक्त अभियुक्तों को सम्मन करने की अनुमति देता है, बशर्ते कि उनके अपराध में संलिप्तता का संकेत मिलने पर। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी दोषी व्यक्ति न्याय की प्रक्रिया से बच न सके और दंड से मुक्त न हो जिससे न्याय और उत्तरदायित्व के सिद्धांतों का पालन हो सके।