Om Prakash v/s Niranjan Kumar

दं०प्र०सं०, 1973—लोकसेवक के विरुद्ध अभियोजन के लिए पूर्व-स्वीकृति—धारा 197 दं०प्र०सं० के तहत लोकसेवक के विरूद्ध अभियोजन के लिए पूर्व-स्वीकृति केवल तब आवश्यक है जब आरोपित कार्य सीधे आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन से संबंधित हो—धारा 197 दं०प्र०सं० के तहत लोक सेवकों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति का उपयोग भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए—लोक सेवक अपने पद का दुरुपयोग करके अवैध कार्य जैसे साक्ष्य गढ़ना या नागरिकों को परेशान करना, झूठे मामले दर्ज करना, आधिकारिक कर्तव्यों की आड़ में अवैध हिरासत जैसे कार्यों को करने के लिए नहीं कर सकते—ऐसे कार्य धारा 197 दं०प्र०सं० के सुरक्षात्मक दायरे के बाहर आते हैं—लोकसेवक के विरुद्ध अभियोजन के लिए पूर्व-स्वीकृति का प्रश्न मुकद्दमे के किसी भी चरण पर उठ सकता है।

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