अनाधिकृत धन-निकासी—जनता पेटीएम, गूगल पे, एमेज़ॉन पे आदि जैसे भुगतान माध्यमों का उपयोग करते हैं तो वे भी तीसरे पक्ष (हैकर्स) द्वारा धोखाधड़ी की गतिविधि से प्रभावित हो सकते हैं—पेटीएम द्वारा अनाधिकृत धन-निकासी के मामलों में उपभोक्ता की गलती साबित करना आवश्यक है—रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया के दिशा-निर्देश ग्राहकों के अनुकूल हैं और यदि ग्राहक घटना के 3 दिनों के भीतर धोखाधड़ी वाले अनाधिकृत धन-निकासी की रिपोर्ट करता है, तो आर०बी०आई० दिशा-निर्देशों के अनुसार, ग्राहक को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है—यदि पी०पी०आई० जारीकर्ता (पेटीएम आदि) ग्राहक द्वारा धन-निकासी की शिकायत का समाधान करने और 90 दिनों के भीतर ग्राहक की देयता निर्धारित करने में असमर्थ है, तो आर०बी०आई० दिशा-निर्देशों के तहत निर्धारित राशि का भुगतान ग्राहक को किया जाएगा, भले ही लापरवाही ग्राहक की ओर से हो या ना हो।

